छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में हैं नकुलनार। यह वह स्थान है जहां भुसारास के दंड पहाड़ी पर एक अंधेरी गुफा बनी हुई है। इस गुफा के अंदर ग्रामीण विशेष पूजा करते हैं। इस पूजा के लिए गांव का पुजारी लिंगा कवासी बेहद संकरी और अंधेरी गुफा में प्रवेश करता है।
साल में 3 से 4 बार वन बूढ़ी की पूजा गांव की खुशहाली, सुख-समृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए की जाती है। 4 पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा को निभाने के लिए जान जोखिम मेंडालकर एक पुजारी 45 सालों से अंधेरे में पूजा करते आ रहे हैं।
इसके लिए उन्हें 100 मीटर तक सिर्फ लेटकर गुफा के अंदर जाना होता है।
वन बूढ़ी की पूजा की कुछ रोचक बातें
-धान की बुआई से लेकर कटाई तक और प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए की जाती है यह पूजा।
गुफा से निकलने का द्वार डेढ़ फीट ही चौड़ा है, जिस कारण यहां से पुजारी को लेटकर निकलना पड़ता है।
-भूसागांव से करीब 4 किमी दूरी पर मौजूद इस गुफा तक पहुंचने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
No comments:
Post a Comment