सदियों से बरमूडा ट्राएंगल (Bermuda Triangle) दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
अभी तक यहां से गुजरने वाले ना जाने कितने ही समुद्री जहाज और प्लेन खो चुके हैं। लेकिन इसका वास्तविक कारण कोई नहीं जान पाया हैं। हालांकि समय-समय पर शोधकर्ताओं ने इस पहेली को सुलझाने के कई दावे किए लेकिन कोई भी दावा खरा नहीं उतरा। लेकिन अब साइंटिस्ट्स ने काफी रिसर्च के बाद इस बात का दावा किया है कि उन्हें इन सबके पीछे का कारण पता चल
मौसम का है इससे गहरा रिश्ता
साइंटिस्ट्स ने बरमूडा ट्राएंगल (Bermuda Triangle) के आसपास के मौसम की काफी बारीकी से स्टडी की। इससे उन्हें ऐसी कई बातें पता चली, जिनके आधार पर वो इसकी मिस्ट्री सुलझाने का दावा कर रहे हैं। हजार सालों से ज्यादा हुए, अब तक कोई भी इस जगह से जिंदा लौट कर नहीं आ पाया। साइंटिस्ट्स की रिसर्च के मुताबिक, इस ट्राएंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं। इन हवाओं की गति 170 मिल प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है। जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है। ये हवाएं इसके ऊपर बनने वाले बादलों के कारण चलती हैं। चुका
छाए होते हैं जानलेवा बादल
अभी तक यहां से गुजरने वाले ना जाने कितने ही समुद्री जहाज और प्लेन खो चुके हैं। लेकिन इसका वास्तविक कारण कोई नहीं जान पाया हैं। हालांकि समय-समय पर शोधकर्ताओं ने इस पहेली को सुलझाने के कई दावे किए लेकिन कोई भी दावा खरा नहीं उतरा। लेकिन अब साइंटिस्ट्स ने काफी रिसर्च के बाद इस बात का दावा किया है कि उन्हें इन सबके पीछे का कारण पता चल
मौसम का है इससे गहरा रिश्ता
साइंटिस्ट्स ने बरमूडा ट्राएंगल (Bermuda Triangle) के आसपास के मौसम की काफी बारीकी से स्टडी की। इससे उन्हें ऐसी कई बातें पता चली, जिनके आधार पर वो इसकी मिस्ट्री सुलझाने का दावा कर रहे हैं। हजार सालों से ज्यादा हुए, अब तक कोई भी इस जगह से जिंदा लौट कर नहीं आ पाया। साइंटिस्ट्स की रिसर्च के मुताबिक, इस ट्राएंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं। इन हवाओं की गति 170 मिल प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है। जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है। ये हवाएं इसके ऊपर बनने वाले बादलों के कारण चलती हैं। चुका
छाए होते हैं जानलेवा बादल
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इस ट्रायंगल (Bermuda Triangle) के ऊपर ‘killer clouds’, यानी की जानलेवा बादल छाए रहते हैं। इन बादलों को जानलेवा इस लिए कहा जाता है क्यूंकि ये काफी घने होते हैं। इनके अंदर कई तूफान भी उठते हैं। जैसे ही इन बादलों के अंदर प्लेन जाता है, बैलेंस खो देता है, जिसकी वजह से ज्यादातर प्लेन्स में विस्फोट हो जाता है।है
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